केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने पर दिया जोर
प्राकृतिक खेती अपनाने से किसान अपनी लागत में कमी कर सकते हैं और उचित मूल्य प्राप्त कर सकते हैं। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने श्रीगंगानगर में किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
श्रीगंगानगर, अगस्त: देश की 145 करोड़ आबादी का मुख्य रोजगार कृषि और सूक्ष्म लघु उद्योगों पर निर्भर है। इस संबंध में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने हाल ही में किसानों के हित में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसान देश के अन्नदाता हैं, जो रात-दिन कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन प्राकृतिक आपदाओं के कारण अक्सर उन्हें नुकसान झेलना पड़ता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस सोच को दोहराते हुए चौधरी ने कहा कि जब तक किसानों के घरों में समृद्धि और खुशहाली नहीं आएगी, तब तक देश का विकास संभव नहीं है। इसी उद्देश्य से सरकार ने 2014 से अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को तीन गुना तक बढ़ाया है। किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की गई और कृषि बजट में भी चार गुना वृद्धि की गई है।
प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ते कदम
कृषि राज्य मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी का मुख्य ध्यान किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर आकर्षित करना है। उन्होंने कहा कि पहले देश में अनाज की कमी होती थी, लेकिन हरित क्रांति के बाद देश अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बन गया है। हालांकि, इस दौरान अत्यधिक कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से धरती माता बीमार हो गई है, जिससे मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है।
चौधरी ने कहा, “प्रधानमंत्री का विजन है कि किसान लागत मूल्य कम करके उचित दाम प्राप्त करें, और यह तभी संभव है जब हम प्राकृतिक खेती की तरफ जाएं।” प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार किसानों को अनुदान भी दे रही है।
प्राकृतिक खेती के लाभ
प्राकृतिक खेती अपनाने से किसानों को निम्नलिखित लाभ मिल सकते हैं:
लाभ | विवरण |
---|---|
लागत में कमी | रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों की आवश्यकता नहीं। |
मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार | जैविक विधियों के उपयोग से मिट्टी उपजाऊ होती है। |
पर्यावरण संरक्षण | धरती माता और जल स्रोतों की रक्षा। |
दीर्घकालिक स्थिरता | प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और संतुलन। |
सरकार के प्रयास
सरकार की ओर से किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना प्रमुख है। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती से पहले साल में उत्पादन में थोड़ी गिरावट हो सकती है, लेकिन दूसरे साल से उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। चौथे साल तक किसान बिना रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के भी अच्छा उत्पादन कर सकेंगे।
इस अवसर पर श्रीगंगानगर में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता और नगर परिषद के पूर्व उपसभापति कालूराम शर्मा ने केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी का स्वागत किया। कार्यक्रम में महावीर शर्मा, चिमन मित्तल, मनोज कुमार, राजकुमार ओझा और अन्य कई गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।